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गिरीडीह के किसानों के साथ कृषि संवाद का आयोजन

किसानों ने तकनीकी प्रशिक्षण की मांग की

आज दिनांक 5/6/2023 को भारतीय उद्यमी संघ और बिहार उद्यमी संघ के द्वारा कृषि उद्ययमिता और कृषि उद्ययमयो के लिए एक दिवसीय कृषि संवाद का आयोजन कया गया जिसका विषय "प्रगतिशील किसानों से कृषि उद्ययमिता" था। इसका आयोजन झारखंड में पहली बार केवीके गिरीडीह में हुआ। गिरीडीह झारखंड के एक पछड़े, सुखा ग्रस्त और आदिवासी बहुल क्षेत्र में आता है और इसकी महत्वता अपने आप में खनिज संपदा ही नहीं एवं विभन्न कृषि उत्पादों के लए बहुत महत्वपूर्ण है झारखंड पहला कार्यशाला था जिसमें बिहार उद्यमी संघ के सचिव श्री अभिषेक सिंह, एग्री इनपुट एक्सपर्ट राजा कलाम, सप्लाई चेन एक्सपोर्ट ओंकार सिंह मौजूद थे। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिलाएं शामिल हुई जो कि ट्राईबल समुदाय से आती है, साथ ही बकरी पालन एवं मुर्गी पालन व्यवसाय में शामिल हैं। उन्होंने भाग लेकर बकरी पालन में महिलाओं के झुकाव और उनकी प्रोसेसंग प्लांट को किस प्रकार सेट करें साथी किस तरीके से अपने बिजनेस का स्किल आप करें इस संबंध में उन्हें जानकारियां दी गई जागरूकता के अभाव में ज्यादातर प्रगतिशील किसान सरकारी योजनाओं के बारे में अनजन थे।

कृषि संवाद में ऐसे भी एफपीओ मले जो क मोटे अनाज लागी बाजरा जवाहर की खेती करें और उसको प्रोसे संग कर बेहतर मुनाफा कैसे कमाया जाए इसके बारे में विस्तार से चर्चा हुई कुछ किसान रागी से बने हुए बिस्किट का उत्पादन कर रहे हैं और उसको बड़े बाजार में ले जाने के तैयारी के बारे में समझा इस अवसर पर महासचिव बिहार के जमी सॉन्ग ने युवा महिला उद्यमी प्रगतिशील किसान एवं स्टार्टअप को संबोधित करते हुए कहा की आवश्यकता है कि हम संगठित होकर के फार्मंग करें और प्रोडक्ट स्पे स फक एफपीओ बनाएं जिससे ना केवल अपने उत्पाद को बड़ी मात्रा में उपजाया जा सकता है और उससे बाहर के बाजार में अच्छे भाव पर भी बेचा जा सकता है। उन्होंने कहा क झारखंड के 19 डिस्ट्रिक्ट एस्पिरेशनल है और गिरीडीह भी उसमें से एक है राज्य में क्लस्टर फार्मंग की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं साथी कृषि के क्षेत्र में सूती योजना का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा की किसान को मांग आधारित फसल खेती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसमें प्रत्यक्ष बाजार लंकेज का लाभ है और पारंपरिक फसल खेती के बजाय बेहतर कीमत अर्जित कर सकता है।

सप्लाई चैन एक्सपोर्ट ओंकार सिंह ने बताया कि आवश्यकता है की महिला किसान महिला उद्यमी बकरी पालन, मुर्गी पालन भी जोड़ दें और समूह बनाकर इसे करें ताकि उनके आय में विद्धि हो सके। उन्होंने यह भी कहा की किसान सूखाग्रस्त क्षेत्र में बकरी और मुर्गी पालन जैसी खेती लए अपना सकते हैं जो आय का वैकल्पिक स्रोत होगा। गिरिडीह का भू म क्षेत्र इस मुर्गी और बकरी पालन के लिए अनुकूल है। सप्लाई चैन एक्सपर्ट राजा कलाम ने वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केवीके गिरिडीह के प्रमुख ने महिला को संबोधित किया और उन्हें नई कृषि तकनीक अपनाने के लए प्रेरित कया।

किसानो एवं मौजूद महिला किसानो को भारत सरकार की स्फूर्ति योजना, Pmfme, Standup एवं Startup इंडिया इत्यादि योजनाओं के बारे में बताया गया, एवं कैसे उसके लिए आवेदन करे इसकी जानकारी दी गई।
Climate Smart Agriculture जलवायू स्मार्ट कृषि के अंतर्गत जैविक, प्राकृतिक खेती के लिए क्या कैसे करना चाहिए और इसके क्या फायदे हैं वो बताया गया ।

यहां के किसानों द्वारा कृषि उद्ययमता के हर एक क्षेत्र में प्रशिक्षण की मांग की जैसे मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन इत्यादि कार्यक्रम का समापन पर्यावरण दिवस के अवसर पर किसान को पौधा उपहार में देकर किया गया।